There are so many things to discuss under the Brain Yoga but we will only talk about some that are the most important for brain.
प्राण ऊर्जा उपचार प्राचीन विज्ञान है जो मनुष्यों के शारिरीक, मानसिक और भावनात्मक रोगो को बिना औषधि के ठीक करता है प्राण ऊर्जा चिकित्सक व्यक्ति के समस्त चक्रों को व्यवस्थित करके उनमे ऊर्जा के प्रवाह को सुव्यवस्थित करके उन्हें स्वस्थ्य, ऊर्जावान और शक्तिशाली कर देता है, जिससे व्यक्ति की नाडियों और ओरा मे सकारात्मक ऊर्जा बढ जाती हैं और व्यक्ति की शारिरीक, मानसिक, भावनात्मक रुप से स्वस्थ्य होकर उच्च सफलता प्राप्त करता है, प्राण ऊर्जा चिकित्सा व्यक्ति को उच्च ऊर्जा के साथ जुडकर अपनी ऊर्जा को उच्चतम स्तर तक ले जाने का तरीका बताता है|
Light music only with instrument, old slow songs, shasttya sangeet is best for brain power.
वाद्मयंत्र की हल्की ध्वनि, पुराना धीमा गीत, शास्त्रीय संगीत मस्तिष्क शक्ति के लिए सर्वोत्तम है)| चूंकि हमारा मस्तिष्क तरंगों की भाषा समक्षता और बोलता है अतः संगीत हमारे मस्तिष्क की खुराक हैं, यदि अच्छी खुराक खायेंगे तो मस्तिष्क स्वस्थ और शक्तिशाली होगा और खराब खुराक खायेंगे तो मस्तिष्क अस्वस्थ और रोगयुक्त होगा, तो मस्तिष्क को जैसा बनाना चाहते हैं वैसा ही संगीत सुने।
हमारा मस्तिष्क तरंगों की भाषा बोलता और समक्षता है, हम जो भी सुनते, समक्षते,कहते, याद करते, लिखते, और प्रदर्शित करते हैं मस्तिष्क उन्हें तरंगों के रुप मे लेता है उनका विश्लेषण करता और फिर तरंगों के माध्यम से प्रतिक्रिया देता है, वैसे तो बहुत तरह की तरंगें होती हैं उन से जो विषेश रुप से मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं वो पांच प्रकार की हैं
DEEP DEEP RELAXATION OF BRAIN, VERY GOOD ENERGIES OF BRAIN CELLS.
(मस्तिष्क को गहन आराम, मस्तिष्क कोशिकाओं को नई ऊर्जा)
NEW LEARNING,DEEP MEDITATION, INCREASE MEMORY, CALCULATION, PRACTICALLY THINKING, CREATION, PRESENT MEMORY
(नया सिखना, गहन ध्यान, स्मृति बढाना, सहज सोच,नया अविष्कार, वर्तमान स्मृति)
DEEP THINKING, GOOD COMBINATION OF MIND AND BODY, CONCENTRATION
(गहरी सोच,शरीर और मस्तिष्क का अच्छा संयोजन)
ALERT, FINDING SOLUTIONS, DECISION,GOOD ENERGY.
( सजगता, समस्याओं का हल खोजना, निर्णय, उच्च ऊर्जा)
BEST FAST COMMUNICATION, KINDNESS, STRONG SELF CONTROLE,HIGHER IQ LEVEL, MEMORY AND HAPPINESS.
(संप्रेषण, दयालुता, मजबूत आत्म निंयत्रण, उच्च बोद्विक क्षमता, स्मृति और आनंद)
रत्नों का मानव जीवन पर बहुत बडा प्रभाव है, रत्नों का प्रयोग मानव अपनी उन्नति , स्वास्थ्य,संमृद्धि, मान – सम्मान और सुंदरता को बढाने के लिए सदीयों से करता रहा है।
Vastu can help you to choose perfect place, direction for study in your house(आपको पढाई के अनुसार उचित स्थान, दिशा,चुनने मे सहयोग करता है) Study room is best in West central position in house and the north east corner.in study position your face in East direction. If east is not possible then in North direction
पढाई का कमरा घर के पश्चिमी मध्य भाग मे , और कमरे का पूर्वोत्तर कोना सर्वोत्तम होता है, पढते समय पूर्व कीतरफ मुख होना सर्वोत्तम है,यदि पूर्व उपलब्ध नहीं हो तब उत्तर की तरफ
For HINDI, ENGLISH, literature, GK, GS, GEOGRAPHY in North East direction with east facing (हिन्दी, अंग्रेजी,साहित्य, जी के, जी यस,जियोग्राफी के लिये पूर्वोत्तर कोने मे पूर्वाभिमुख)
For MATHEMATICS, COMMERCE PHYSICS west central with east facing (गणित, विणिज्य, भौतिकी के लिए पश्चिमी मध्य मे पूर्वाभिमुख)
For CHEMISTRY in north east with north facing (रसायन के लिए पूर्वोत्तर मे उत्तर दिशाभिमुख)
For COMPETITIVE EXAMS in north east with north position (प्रतियोगिता परीक्षा के लिए पूर्वोत्तर मे उत्तर दिशाभिमुख)
For GROUP DISCUSSION in north east with north position (समूह-चर्चा के लिए पूर्वोत्तर मे उत्तर दिशाभिमुख)
When you study your spine is straight and no load on spine for your strong ,healthy and Sharp brain this is important that your spine is healthy, flexible and strong. In study position your neck is not bend more then 60°, if study in sleeping position this is harmful for memory, distance between eyes and book is nearly 15 inches or 40 centimeters, in study don’t move your hands and legs, this distracts your concentration and loss brain’s energy. If you can write just after learning then it is form Link long time memory, if you can study by help of pen or finger then this is increase your speed and concentration very fast. If you can write 3 times without see what you learn then you can remember it for many year.
पढते समय आपका मेरुदण्ड सीधा रहना चाहिए, और मेरुदण्ड पर भार ना पडे।आपके शक्तिशाली, स्वस्थ्य और तिव्र मस्तिष्क के लिए महत्वपूर्ण है कि आपका मेरुदण्ड स्वस्थ्य, लचीला और शक्तिशाली हो।पढते समय आपकी गदर्न 60° से ज्यादा क्षुकी हुई ना हो।यदि आ सोकर पढाई करते हैं तो ये आपके मस्तिष्क के लिए हानिकारक होता है। आंखों और किताब के बीच लगभग 15 इंच 40 सेंटीमीटर की दूरी हो।पढते समय हाथ और पैर न हिलायें, इससे आपका मस्तिष्क की एक्रागता और शक्ति भंग होती हैं।यदि पढाई के तुरंत बाद आप लिखते हैं तो वो आपकी स्मृति में लम्बे समय त रहता है।यदि आप पेन या अंगुली की सहायता से पढाई करते हैं तो इससे आपकी एक्रागता और पढने की गति को बहुत तिव्र अर देता है।यदि बिना देखे आप पढे हुए बिषय को 3 बार लिख लेते हैं तो वो आपकी स्मृति मे सालों तक रहता है।
Brahma muhurt (1.36 minute before sun rise) is best time to start study, then all day and night you can but remember in the middle of day and evening godhuli bela(when sun set) for 30 minutes is not good time for study
पढने के लिए ब्रह्म मुहूर्त (सूर्योदय 1.36 मिनट पहले) सर्वोत्तम होता है, उसके बाद सम्स्त दिन और रात्रि पढ सकते हैं,लेकिन मध्य दोपहर और संध्याकाल गोधूलि बेला(सूर्यास्त) के 30 मिनट पढने के लिए अच्छा समय.नहीं होता।
Meditation brahm muhurat in East direction, first meditate on heart for 7 minute then throat for 7 minute then agya (middle in eye brows) for 11 minute.in evening meditation on SHIKHA(top of head) for 11 minute.
Try not to think anything for 3 minutes.
For full and quick relaxation of body, mind and soul without any effort, Sleep like dead and release all the tension, tired, anxiety and all negative thinking and do relax for 20 minutes, after shawasana you feel best energy.
For havan use satawari brahmi, brahmdandi, gorakhmundi, mandukparni, shankhpushpi, mithi bach, malkangni seeds.