प्राणायाम संस्कृत शब्द “प्राण” और “आयाम” से मिलकर बना है। “प्राण” का अर्थ है जीवन शक्ति या सांस, और “आयाम” का अर्थ है विस्तार या नियंत्रण। प्राणायाम योग का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसमें सांसों के नियंत्रण के माध्यम से जीवन शक्ति को बढ़ाने और मानसिक शांति प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।
प्राणायाम के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे कि अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, कपालभाति, और भस्त्रिका। इन प्राणायाम तकनीकों का अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। प्राणायाम से न केवल श्वसन प्रणाली सुदृढ़ होती है, बल्कि यह तनाव, चिंता और अन्य मानसिक समस्याओं को कम करने में भी सहायक होता है।
प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से शरीर में ऊर्जा का संचार बेहतर होता है, मन को शांति मिलती है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है। यह एक सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक साधन है जो व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को संतुलित करने में मदद करता है।